Punganur गाय: कुत्ते की जगह पालें, रोजाना 3 लीटर दूध देने वाली ढाई फीट की गाय

Punganur गाय: कुत्ते की जगह पालें, रोजाना 3 लीटर दूध देने वाली ढाई फीट की गाय

आजकल बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों में भी कुत्ते पालने का चलन बढ़ रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि पुंगनूर गाय, जिसकी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के साथ तस्वीर खिंचाई गई थी, वह केवल ढाई फीट की होती है? यह गाय मात्र 5 किलो चारा खाकर हर दिन 3 लीटर दूध देती है, जो घर-परिवार की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। पुंगनूर नस्ल की यह गाय आंध्र प्रदेश में विकसित की गई है और इसे दुनिया की सबसे छोटी गाय माना जाता है। हालांकि, यह गाय विलुप्त होने के कगार पर है, और आंध्र प्रदेश में इसके नस्ल सुधार पर बड़े पैमाने पर काम हो रहा है।

काकीनाडा के एक वैद्य ने 14 साल की मेहनत से पुंगनूर गाय की नस्ल को छोटा और बेहतर किया है। उन्होंने इस नस्ल को मिनिएचर पुंगनूर नाम दिया, जिसकी ऊंचाई सिर्फ ढाई फीट है। आमतौर पर पुंगनूर गाय की ऊंचाई 3 से 5 फीट के बीच होती है, लेकिन इस मिनिएचर गाय की ऊंचाई इससे भी कम है। नस्ल सुधार के बाद कृष्णम राजू नामक व्यक्ति इस गाय को पालते हैं और देशभर के विभिन्न हिस्सों में इसके प्रचार-प्रसार में जुटे हैं।

पुंगनूर गाय जब जन्म लेती है, तब इसकी ऊंचाई मात्र 16 से 22 इंच होती है। लेकिन मिनिएचर पुंगनूर नस्ल की ऊंचाई सिर्फ 7 से 12 इंच तक होती है। यह नस्ल 112 साल पुरानी है, जबकि मिनिएचर पुंगनूर को 2019 में विकसित किया गया।

प्राचीन काल में पुंगनूर गायों की ऊंचाई दो-ढाई फीट तक हुआ करती थी, जिसे ब्रह्मा ब्रीड कहा जाता था। डॉक्टरों के अनुसार, आज देश में केवल 32 गायों की नस्लें बची हैं, जबकि पुरातन समय में यह संख्या 302 हुआ करती थी। डॉक्टर कृष्णम राजू ने कृत्रिम गर्भाधान तकनीक का इस्तेमाल कर पुंगनूर गाय की ऊंचाई कम करके दो-ढाई फीट तक कर दी है। इसके लिए उन्होंने आंध्र प्रदेश के लाइवस्टॉक रिसर्च स्टेशन से वीर्य लेकर गाय की नस्ल को छोटा करने में सफलता पाई।

17 दिसंबर 2019 को विकसित सबसे छोटी पुंगनूर गाय की ऊंचाई मात्र ढाई फीट है। यह गाय प्रतिदिन 3 लीटर दूध देती है, जो छोटे घरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श है। पुंगनूर नस्ल को खासतौर पर इसलिए विकसित किया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसे पाल सकें।

मिनिएचर पुंगनूर का बाजार मूल्य 1 लाख से 5 लाख रुपये के बीच है, लेकिन डॉक्टर राजू इसे बेचते नहीं हैं, बल्कि मुफ्त में पालने के लिए देते हैं। विदेशों से भी इस गाय की मांग की जा रही है, लेकिन डॉक्टर राजू ने अभी तक किसी विदेशी को यह गाय नहीं दी है।

पुंगनूर गाय को प्रतिदिन 5 किलो चारे की आवश्यकता होती है और यह 3 लीटर दूध देती है। डॉक्टर राजू इस गाय के माध्यम से उन लोगों को गाय पालने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जो जगह या चारे की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाते थे।